goole

Saturday, February 23, 2019

कॉमन सर्विस सेन्टर बलवाखेरी पर मोदी सरकार की 3,000 रुपये मासिक पेंशन वाली योजना हुई शुरू, हर महीने मात्र इतने रुपये करवाने होंगे जमा

कॉमन सर्विस सेन्टर बलवाखेरी पर मोदी सरकार की 3,000 रुपये मासिक पेंशन वाली योजना हुई शुरू, हर महीने मात्र इतने रुपये करवाने होंगे जमा
अंतरिम बजट में असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिये घोषित प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन (PMSYM) योजना शुरू हो चुकी है और देशभर में 3.13 लाख साझा सेवा केंद्रों (सीएससी) पर इस योजना से जुड़ा जा सकता है.

अंतरिम बजट में असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिये घोषित प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन (PMSYM) योजना शुरू हो चुकी है और देशभर में 3.13 लाख साझा सेवा केंद्रों (सीएससी) पर इस योजना से जुड़ा जा सकता है. योजना अपनाने वाले कामगारों को 60 वर्ष की आयु के बाद 3,000 रुपये मासिक पेंशन दी जायेगी. इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत काम करने वाले विशेष निकाय सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लि. ने पीएमएसवाईएम योजना के तहत पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके तहत असंगठित क्षेत्र के 18 से 40 वर्ष की आयु के कामगार योजना को अपनाने के पात्र होंगे. एक अधिकारी ने बताया कि योजना से जुड़ने वाले कामगारों को उनके अंशदान पर 60 वर्ष की आयु के बाद 3,000 रुपये मासिक पेंशन दी जायेगी.
इतनी रकम हर महीने करनी होगी जमा
इस योजना में 18 साल की उम्र में जुड़ने वाले श्रमिकों को 55 रुपये का मासिक अंशदान देना होगा. योजना से 29 साल की उम्र में जुड़ने वालों को 100 रुपये और 40 साल की उम्र में जुड़ने वालों को 200 रुपये का मासिक अंशदान करना होगा.

बजट में इस योजना की हुई थी घोषणा
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट 2019-20 में इस महत्वाकांक्षी सामाजिक सुरक्षा योजना की घोषणा की थी. इसका क्रियान्वयन श्रम मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है. योजना का लाभ 15,000 रुपये तक की मासिक आय वाले असंगठित क्षेत्र के कामगारों को मिलेगा. योजना के तहत पांच साल में असंगठित क्षेत्र के 10 करोड़ श्रमिकों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. सरकार ने देशभर में लाभार्थियों को जोड़ने और उनके पंजीकरण के लिए सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लि. की सेवाएं ली हैं.
अधिक जानकारी के लिये संपर्क करे कॉमन सर्विस सेन्टर बलवाखेरी (सुनील कुमार चौहान ) 9917055151, 9719474007

Wednesday, January 23, 2019

Asus ZenFone Max Pro M1


Asus Zenfone Max Pro M1 Specification

BASIC INFORMATION   Rs. 9999 (23 January 2019)
Manufacturer
Asus
Model
Asus Zenfone Max Pro M1
launch date (global)
23-04-2018
operating system
Android
os version
8
Type
Smartphone
Status
Launched
Colors
  • Deepsea Black
  •  Meteor Silver
Product Name
Asus Zenfone Max Pro M1
DISPLAY
screen size (in inches)
5.99
display technology
IPS LCD
screen resolution (in pixels)
1080 x 2160
display features
Capacitive Touchscreen
Pixel Density (PPI)
402
CAMERA
Rear Camera Megapixel
13 + 5 MP
Maximum Video Resolution (in pixels)
  • 2160p@30fps
  •  1080p@30/60fps
Front Camera Megapixel
8
Front Facing Camera
Yes
LED Flash
Yes
Video Recording
Yes
Geo-tagging
Yes
Digital Zoom
Yes
Autofocus
Yes
Touch Focus
Yes
Face Detection
Yes
HDR
Yes
Panorama Mode
Yes
camera features
Dual
BATTERY
battery capacity (mah)
5000
Talk time (in hours)
Up to 42 h
Removal Battery (Yes/No)
No
Support For Fast Charging
Yes
SENSORS AND FEATURES
Finger print sensor
Yes
Accelerometer
Yes
Compass
Yes
Gyroscope
Yes
keypad type
Touchscreen
Multi touch
Yes
Light Sensor
Yes
Proximity Sensor
Yes
CONNECTIVITY
4G Capability
Yes
Wifi Capability
Yes
Wifi HotSpot
Yes
Bluetooth
Yes
GPS
Yes
VoLTE
Yes
wireless connectivity
Yes
headphone port
Yes
SIM
Dual
3G Capability
Yes
TECHNICAL SPECIFICATIONS
storage
32 GB
removable storage (yes or no)
Yes
removable storage (maximum)
512 GB
cpu
Qualcomm SDM636 Snapdragon 636
CPU speed
1.8 GHz
processor cores
Octa
RAM
4 GB
gpu
Adreno 509
dimensions (lxbxh- in mm)
159 x 76 x 8.5
weight (in grams)
180









Monday, November 26, 2018

WI-FI से आपके स्मार्टफोन भी हो सकते हैं हैक, ऐसे रहें सुरक्षित

WIFI हैकिंग कई तरह की होती है जिसमें मोटे तौर पर इसे दो तरीके में बांट सकते हैं. एक तो सीधे
तौर पर आपका वाईफाई ही किसी ने हैक कर लिया है और उससे कनेक्ट हो गया है. दूसरा ये है
 कि उसने आपका वाईफाई हैक किया और इसके जरिए उससे कनेक्टेड डिवाइस तक भी पहुंच गया.
 यानी आपक क्या कर रहे हैं इसकी जानकारी हैकर को है.


हैकर्स कई बार वाईफाई को ओपन छोड़ कर इसे बेट की तरह इस्तेमाल करते हैं. बिना पासवर्ड वाले
वाईफाई को आपने कनेक्ट कर लिया और इंटरनेट यूज कर रहे हैं. आपने जैसे ही वाईफाई से
कनेक्ट किया आपके डिवाइस का मैक अड्रेस और आईपी अड्रेस राउटर में दर्ज हो जाती है. हैकर्स
सबसे पहले स्निफिंग टूल का यूज करके ट्रैफिक को इंटरसेप्ट करते हैं. डेटा पैकेट्स के रूप में ट्रांसफर
 होता है और हैकर्स के पास कई तरह टूल होते हैं जो इन पैकेट्स को इंटरसेप्ट करके आपकी
ब्राउजिंग हिस्ट्री तो आसानी से जान सकते हैं.
नेटवर्क स्निफिंगनेटवर्क स्निफिंग के जरिए जितने विजिबल ट्रैफिक होते हैं उसे आसानी से इंटरसेप्ट किया जा
सकता है. आमतौर पर इसके लिए वायरशार्क पैकेट स्निफर टूल का यूज किया जाता है.
WIFI राउटर हैकिंगवाईफाई हैक करना वाईफाई से जुड़े डिवाइस को हैक करने के मुकाबले आसान है. इसके कई तरीके हैं.
कई फ्री टूल हैं जो कम सिक्योरिटी वाले वाईफाई राउटर को हैक करते हैं. इसके अलावा एडवांस्ड टूल्स
 हैं जो बैकट्रैक पर काम करते हैं जिनका यूज करके सिक्योरिटी वाले वाईफाई राउटर भी हैक किए जा
सकते हैं.
सबसे आसान उन राउटर को हैक करना होता है जिनमें WEP सिक्योरिटी होते हैं. पहले के राउटर्स में
लोग WEP रखते थे, लेकिन अब डिफॉल्ट बदल दिया गया है. WPA-PSK keys से सिक्योर किए
गए राउटर्स को हैक करना थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन इसे भी हैक किया जा सकता है.
आम तौर पर लोग वाईफाई राउटर का पासवर्ड डिफॉल्ट छोड़ देते हैं और हैकर्स के लिए काम आसान
कर देते हैं. वो इसे ऐक्सेस करके ना सिर्फ आपका वाईफाई हैक करते हैं, बल्कि उससे कनेक्टेड
डिवाइस पर भी नजर रखते हैं.
इस ऐप से जाने कनेक्टेड डिवाइस का MAC Address
हम आपको ऐसे आसान तरीके बताते हैं जिससे आप दूसरे लोगों को वाईफाई राउटर से ब्लॉक कर
सकते हैं. सबसे पहले आप अपने वाईफाई राउटर से अपना मोबाइल कनेक्ट कर लें और गूगल
प्ले स्टोर से Fing एप डाउनलोड करके इंस्टॉल कर लें. अगर आईफोन है तो एप स्टोर पर भी यह
 एप उपलब्ध है.
डाउनलोड करने के बाद इसे ओपन करें, जहां होम स्क्रीन पर वाईफाई कनेक्टिविटी दिखेगी. इसमें
रिफ्रेश और सेटिंग के ऑप्शन होंगे. रिफ्रेश पर क्लिक करते ही आपको वाईफाई से कनेक्ट हुए
 तमाम डिवाइस की लिस्ट दिखेगी. इस लिस्ट से यह भी पता चलेगा कि यह डिवाइस कोई मोबाइल
 है या लैपटॉप.
इस ऐप के जरिए आप कनेक्टेड डिवाइस का मैक एड्रेस भी देख सकते हैं. जिस डिवाइस को राउटर
से ब्लॉक करना है, उसे कॉपी कर लें. इस ऐप के जरिए आप वेबसाइट और नेटवर्क की पिंग मॉनिटरिंग
 भी कर सकते हैं.