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Sunday, September 30, 2018

Free में होता है दिल की सभी बीमारियों का इलाज, ये है भारत का इकलौता अस्पताल

यहां दिल की जांच से लेकर ऑपरेशन तक, सभी कुछ मुफ्त में किया जाता है. और, यह कोई 
सरकारी अस्पताल नहीं, जहां देखभाल में ढील दी जाए यह एक प्राइवेट अस्पताल है


जानिए इस अस्पताल के बारे में
छत्तीसगढ़ के रायपुर में मौजूद है श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल. यह भारत का एकमात्र ऐसा अस्पताल
 है जो बच्चों के हृदय रोगों के इलाज के लिए पूरी तरह समर्पित है. पूरी तरह निःशुल्क सेवा देने वाले इस 
अस्पताल में दुनिया भर से आए बच्चों का इलाज किया जाता है. 100 बिस्तर वाले इस अस्पताल की स्थापना 
नवंबर वर्ष 2012 में हुई. पहले यहां सभी उम्र के मरीजों के दिल का इलाज किया जाता था, लेकिन फरवरी वर्ष 
2014 से इसे चाइल्ड हार्ट केयर सेंटर के रूप में परिवर्तित कर दिया गया, तब से यह अस्पताल बच्चों के दिल 
की देखभाल कर रहा है. यह ऐसा अस्पताल है जहां कैश काउंटर नहीं है. मतलब जरूरी जांच, ऑपरेशन, 
इलाज, रहना और खाना सब कुछ मुफ्त है. इस अस्पताल में भर्ती होने वाले 12 वर्ष तक के बच्चों के साथ दो
 व्यक्तियों को तथा 12 से 18 वर्ष तक के हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के साथ एक व्यक्ति के रहने और खाने की
 व्यवस्था की जाती है.
इस अस्पताल में बच्चों के हृदय रोग के 25 तरह के आपरेशन किए जाते हैं. निजी अस्पतालों में इसका 
खर्च 3 से 15 लाख रुपये आता है लेकिन यहां यह फ्री है. यहां बेहतर डॉक्टरों की टीम है जो एक दिन में 
कम से कम पांच ऑपरेशन करती है. जिसमें से तीन आपरेशन ओपन हार्ट सर्जरी का होता है. 

अस्पताल के शुरू होने के बाद से अब तक यहां 4500 बच्चों के दिल का ऑपरेशन हो चुका है. यहां अपने 
बच्चों के हृदय का इलाज कराने के लिए छत्तीसगढ़ समेत देश के 28 राज्यों और नौ अन्य देशों के लोग 
आ चुके हैं. श्री सत्य साई संजीवनी अस्पताल में फिजी के दो बच्चों, पाकिस्तान के नौ बच्चों, बांग्लादेश
 के 11 बच्चों, नाइजीरिया के आठ बच्चों, नेपाल और श्रीलंका के पांच-पांच बच्चों, अफगानिस्तान के दो 
बच्चों तथा लाइबेरिया और यमन के एक एक बच्चे के दिल का इलाज किया गया है. वहीं, यहां के 
चिकित्सकों के दल ने फिजी जाकर 26 बच्चों के दिल का आपरेशन किया था.  यह आंकणे अप्रैल 2018 
तक के हैं. 
इस अस्पताल की एक और खास बात जो कि लोगों को काफी आकर्षित करती है वो है इसका आकार.
 यह अस्पताल दिल के आकार में बना हुआ है. दिल के आकार वाले 30 एकड़ में फैले इस चिकित्सालय
 परिसर में सत्य साई सौभाग्यम और नर्सिंग कालेज भी है. सत्य साई सौभाग्यम में कला, संस्कृति, शिक्षा 
और सामाजिक उत्थान के कार्यक्रम होते रहते हैं. यहां का स्टाफ इसे अस्पताल नहीं बल्कि टैंपल आफ हीलिंग 
कहते हैं और इसे मंदिर की तरह ही पूजा जाता है. अस्पताल का नियम है कि प्रतिदिन सुबह जिन बच्चों का
 ऑपरेशन होता है उनके लिए प्रार्थना की जाती है और उनकी लिस्ट देश विदेश में फैले लाखों अनुयायियों 
को भेजा जाता है. जिससे वह भी प्रार्थना में शामिल हो सकें

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