प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 सितम्बर को झारखंड की राजधानी रांची में पूरे देश के लिए प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की शुरूआत करेंगे। इस योजना के तहत 10 करोड़ 74 लाख परिवार के करीब 50 करोड़ लोग योजना से जुड़ें किसी भी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में साल भर में 5 लाख रुपए का इलाज मुफ्त में करवा सकेंगे। इस योजना के तहत उन्हीं लोगों को लाभ मिलेगा जो बीपीएल कैटेगरी में आते हैं या फिर सामाजिक-आर्थिक और जातिगत जनगणना में शामिल थे।
ये है इलाज कराने की प्रक्रिया
- अस्पताल जाने पर लाभार्थी को वहां बैठे ऑपरेटर को अपना नाम-पता, राशन कार्ड नम्बर या मोबाइल नम्बर देना होगा। इसके अलावा वे सरकार की तरफ से भेजे गए लेटर पर प्रिंट किया गया ई-कार्ड (आईडी) को भी दिखा सकते हैं।
- इसके बाद मरीज द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर ऑपरेटर उसका कॉन्फिडेंस स्कोर निकालेगा। जो मरीज के रिकॉर्ड में दर्ज नाम और मरीज द्वारा अस्पताल पर दिखाए गए डॉक्युमेंट के आधार पर निकाला जाएगा।
- अगर कॉफिडेंस स्कोर उंचा रहेगा तो ऑपरेटर तुरंत ही ई-कार्ड इश्यू करेगा और मरीज का इलाज शुरू हो जाएगा। लेकिन अगर कॉन्फिडेंस स्कोर कम होगा तो डाटा इंश्योरेंस कंपनी के पास भेजा जाएगा और कंपनी का अप्रूवल मिलने के बाद ही मरीज का इलाज होगा।
- इस स्कीम के तहत इलाज करवाने के लिए लाभार्थी को आधार नम्बर दिखाना अनिवार्य है। आधार नम्बर या आधार इनरोलमेंट नम्बर न होने पर लाभार्थी केवल एक बार ही इलाज करवा सकता है।
- किसी भी कारण से अगर अस्पताल लाभार्थी का इलाज करने से मना करता है तो लाभार्थी डिस्ट्रिक्ट री-ड्रेसेल कमिटी के पास अपील कर सकता है। इस कमिटी के चेयरमैन जिले के कलेक्टर होते हैं।
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